वार्षिक आयोजन
बैल पूजन
सदियों से बैल माल ढुलाई, आवागमन, खेतों की जुताई आदि विभिन्न प्रकार के कार्यों में किसानों का सहयोग करते रहे हैं। किसान बैलों को देवता तुल्य पूजते हैं। दीपावली के दूसरे दिन किसान बैलों को सजाते संवारते हैं। बैल सजावट प्रतियोगिता एवं बेल दौड़ का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन बेलों का पूजन कर, उन्हें गेहूं एवं गुड़ की लापसी खिलाकर, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। यह पूरा दिन भगवान श्री कृष्ण को समर्पित रहता है। गोवर्धन पूजा, बैल पूजा एवं अन्नकूट का महाप्रसाद इस दिन लगाया जाता है।