आयुर्वेद रसायन शाला
हमारी प्रार्थना
अयं मे हस्तो भगवान, अयं मे हस्तो भगवत्तरः ।
अयं मे विश्वभेषजो, अयं शिवाभिमर्शनः॥
॥ RigVeda10.60.12 ॥
मेरा हाथ भगवान जैसा एवं भगवान से भी अच्छा सौभाग्ययुक्त हो । इस सौभाग्यशाली हाथ मे विश्व की सभी औषधियों का ज्ञान हो, जिससे सभी रोगों का निवारण हो । मेरा हाथ रोगी निरोगी सभी के लिए शुभ एवं कल्याणकारी हो ।
पंचगव्य की महत्ता हमारे वेदों, आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान में सदियों से वर्णित रही है। पंचगव्य द्वारा गोपालक को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना हमारा उद्देश्य है। पंचगव्य से कई औषधियों का निर्माण हमारी पंचगव्य रसायन शाला में किया जा रहा है।